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श्रदांजलि. हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो

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श्रदांजलि  . गलवान के वीर सपूतो को  "जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो  जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो  हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो" Tribute to the martyrs of Galvan Valley                                  Galwaan india-chaina waar(laddakh,india)          ची ल आंटी बोहोत खुश थी सभी अपने अपने कामों में बिज़ी थे पर न जाने ये ख़ुशी कब तक सलामत रहती।  सभी एक दूसरे से बाते बतिया रहे थे  खुश थे। के तभी चील आंटी को कुछ दिखाई दिया कुछ अजीब अजीब आवाज़ सुनाई दे रही थी चील आंटी की मुस्करात हसीं धीरे धीरे गायब होती गई।  पास बैठी गुररया ने आंटी से पूछा " क्या हुआ आंटी आज तो मौसम भी खुशगवार हैं सूरज भी ज्यादा नहीं दमक रहा हवा भी नाम हैं ऐसा क्या  हो गया। क्या देख लिया या सुन लिया जो मुस्कराहट एकदम ख़त्म हो गई"- चील दूर से आती अवाज़ो को सुनती रही। कुछ नहीं बोली। कुछ समय बाद एक एक कर सभी चील की तरफ मुखातिब होते गए. ऐसा क्या हो गया जो चील आंटी खामोश हो गई। इधर चील के आँसूओ गिरने लगे। वो सब आंसुओ को टप टप गिरते देखते