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अगस्त 18, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

facebook ki mehrbaan. rachi kahani gular ka ped i het",फेसबुक की मेहरबानी, एक रची कहानी "गूलर का पेड़ आई हेट"

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फेसबुक की मेहरबानी, एक रची कहानी  "गूलर का पेड़ आई हेट"                "फे सबुक कितना भी इस्तेमाल कर लो मन नहीं भरता"- हसमुख अपने मोबाइल की स्क्रीन पर फेसबुक की न्यूज़ पढ़ रहा था लोगो के डेली डाले जाने वाले मीम और पोस्ट बड़े चाओ से देख रहा था। दोमुख, चांदमुखी दोनों हसमुख के उस रिएक्शन को देख रहें थे जिसको पढ़ कर हसमुख कभी हसंता तो कभी गुस्से में बड़बड़ करता।  काफी देर हो चुकी थी रात के सायद 1 बजे होंगे। दोमुख से जब रहा नहीं गया तो उसने हसमुख के कंधे पर हाथ मारा और दुसरी और से उसका मोबाइल झपट लिया। -"अरे अरे कौन चोर हैं" -हसमुख घबराया, पीछे मुड़ कर देखा तो चांदमुखी और दोमुख मुस्कुरा रहे थे।  " यार ऐसा मत किया कर में घबरा जाता हूँ मेरा छोटा सा दिल बेठ सा जाता हैं।" - दोमुख ने मोबाइल के फेसबुक के उसके पेज को स्क्रोल करना शुरू किया उसमें तो पेड़ो से सम्बंधित हेट न्यूज़, स्पीच भरी पड़ी थी। दोमुख ने चांदमुखी को मोबाइल की स्क्रीन दिखाते हुए सवाल किया। "देखो देखो इस न्यूज़ को क्या तुम भी ऐसा ही सोचती हो हसमुख के बारे में "-" क्या सवाल करते हो दोमुख,