सिस्टम नाकाम हो गया
पैंटीग इज़हार (सिस्टम) |
सिस्टम नाकाम हो गया सिस्टम नाकाम हो गया,
कमी सिस्टम की थी! कमी सिस्टम की थी।
सिस्टम अपना काम नहीं करता,
सिस्टम कभी भी धोखा दे सकता हैं,
सिस्टम खुद खड़ा नहीं हो सकता,
सिस्टम, सिस्टम का हिस्सा बनता जा रहा हैं,
सिस्टम , सिस्टम और सिस्टम।
जब सुना तो यकीन न कर पाया,
के सात साल का सिस्टम कैसे नाकाम हो गया,
लम्बे लम्बे तारो का बढ़ाना तो अभी शुरू ही किया था,
रविंदर नाथ टैगोर दिखना/बनना तो अभी बाकी था,
इलेक्शन का भी तो बोझ हैं सिस्टम पर,
अभी तो बंगाल के लिए सिस्टम बाकी हैं.
अभी तो सिस्टम ठीक करना सिस्टम का बाकी हैं,
अभी तो बाक़ी है सिस्टम को चमकना।
सिस्टम-सिस्टम पर तुम ब्लेम करते रहो,
बस! क्युकी!
तुम नक्सलवादी हो!
तुम आतंकवादी हो,
तुम विद्रोही हो,
तुम टुकड़े टुकड़े गैंग हो,
तुम सवाल बोहोत करते हो तुम भी तो सिस्टम हो।
पिछले कोरोना के काम से थक गया था,
थोड़ा आराम तो कर लेने देते,
पिछले एक साल से तो सिस्टम सोया था,
हज़ारो लाशो का शोर भी सायद जल्द न उठा पाए,
क्युकी कुम्भकर्ण को जगाना आसान था,
सिस्टम को जागाना अभी बाक़ी हैं.
क्यों जगा रहे हो,अभी सहर कहा हुई हैं,
अभी महीने की ख़ुराक कहा पूरी हुई हैं
लाख लाशो का आकड़ा कहा पार हुआ हैं,
अभी तो शोर मचना बाकी हैं,
ढोल, चमचा, थाली, डमरू, दिया, लाइट आदि का बजना बाकी हैं,
अभी नया टास्क मिलना बाकि हैं,
अभी तो लाशों का और गिरना बाकी हैं,
क्युकी सिस्टम अभी सो रहा हैं क्युकी सिस्टम अभी सो रहा हैं।
इल्जाम लगाओ -इल्जाम लगाओ-इल्जाम लगाओ,
सयद इल्जाम का सुर सुन, जाग जाए,
अगर!
उसका जमीर जाग जाये तो !
जाग गया तो किस पर इलज़ाम लगाएंगे,
अभी सोने दो इलज़ाम लगने दो,
देने दो गोदी एंकरों को गालिया,
कहने दो सिस्टम नाकाम हो गया के सिस्टम नाकाम हो गया।
सिस्टम नाकाम हो गया सिस्टम नाकाम हो गया,
कमी सिस्टम की थी कमी सिस्टम की थी,
लेखक
इज़हार आलम देहलवी
www.writerdelhiwala.com
izharart@gmail.com
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