मोहे रंग दे सजनी मोहे रंग दे, आज होरी रे
मोहे रंग दे सजनी मोहे रंग दे, आज होरी रे
मोहे रंग दे सजनी आज मोहे रंग दे।
नीरे, गुलाबी, हरो-पिलो जैसो रंग नहीं ,
इस संसार में, तोरे जैसा यौवन नहीं ,
मैं काहें को दूजो भरू, जब संग तोरे संग मैं होरी खेरु,
मोहे रंग दे सजनी आज मोहे रंग दे आज होरी रे,
होरी में काहें का बुरो, काहें की लचक,
मोरे संग रंग ले सजनी मोर संग सजलें,
मैं और कहूँ को रंग ना लगाऊँ,
मुझ संग जब तू खेरे हैं होली,
भर भर मुठियाँ भर दो साजनी,
जब जब तुम छुप छुप जाओ,
में चुपको से तुझको ढूँढ,
भर दूँ सारो यौवन में,
गोरे गालन पर हरो-पिलो रंग भर भर डालू मैं,
कोई आज मोहे घूरे, कोई आज मोहे रोके,
मैं साजन संग आज ख़ूब खेरु होरी रे,
मोहे रंग दे सजनी आज मोहे रंग दे।
आज है होरी रे ।
Writerdelhiwala.com
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