Hemraj artist

                                       hemraj
हेमराज की पेंटिंग्स की नई श्रखला "एटरनल रिमिनिसेंस 2.0 इन दिनों बीकानेर हाउस में चल रही है हमको भी हेमराज़ की paintings को देखने का मोका मिला। 
एक तो बीकानेर हाउस ही अपने में राजस्थानी ख़ूबसूबरती लिये बैठा अपर से एक और खूबसूरत पेंटिंग्स से सजा हुआ मानो किसने मूरत को शृंगार करने के लिए उसमें मणियो की शृंखला लगाई हो एलएटीसी गैलरी एक नामी रेस्टोरेंट के बग़ल में बनी हुई हैं वैसे तो बीकानेर कैम्पस बड़ा हैं मगर यहाँ कि ख़ूबसूरती यहाँ लगने वाली पेंटिंग्स से ही होती हैं। हेमराज़ का वर्क मोती नुमा दिखाई पड़ते है। एक एक पेंटिंग को आप सुनार की पारखी नज़रों से देखते हैं उनका रंग रूप और उसमें बनी हुई गहराई को आप अपनी आँखों के क़ीमती लेंसों से गहराइयों से देखते हो।मैंने काफ़ी दिनों के बाद दिल्ली में गहराइयों से बनी नई सोच के साथ बनाई गई पेंटिंग्स देखी है। हेमराज़ की चुनी हुई पेंटिंग्स "एटरनल रिमिनिसेंस 2.0" को यह जगह मिली हैं जैसे जैसे आप अन्दर जाते है वैसे वैसे आपको एक आद्यात्मिका का एहसास होता चला जाता हैं हर पेंटिंग आपको सोचने को मजबूर करती हैं उनके रंगो की गहराइयाँ और उस पर उकेरी तिलस्मी रेखाओ को आप नज़र अन्दाज़ नहीं कर सकते। रेखाओ से बनी आकृति जो की इरॉटिक फ़ोम में दिखाई पड़ती हैं कोई भी इंसान इन पेंटिंग्स को काफ़ी देर तक निखार सकता हैं क्योंकि इन पेंटिंग्स में आपको अपने को देखने का एहसास होता हैं उनपर उकेरे क़ालीन नुमा नक़्क़ाशी रंगो का रिदम ल्ये बनावट आपको रुकने पर मजबूर कर देते है। 
एक-एक पेंटिंग्स अपने में अलग-अलग बयान करती नज़र आती है । हेमराज़ हर कैनवास पर अपने विचार से दुनिया से सवाल करते नज़र आते है हेमराज़ के पेंटिंग्स बनाने के ओज़ारो से अलग अलग रंग लगाते नज़र आते है जिनका बड़े ही अद्भुत तरीक़े से गैलरी में दर्शाया गया है जिसको आप बेखूबी देख सकते है!

 



“ग़र हुनर कोई माशूक़ा होती! तो हर किसी को ना मिलती।
मिलती ग़र किसी को तो हेमराज़ को ना मिलती,
रंगो का खेल क्या देखूँ यार तमन्ना तो बस ये है”

बीकानेर हाउस में एलटीसी गैलरी को आयोजन स्थल के रूप में चुनने से प्रदर्शनी में एक अनूठा आयाम जुड़ गया। बीकानेर हाउस की ऐतिहासिक सीमाओं के भीतर समकालीन कला की तुलना ने परंपरा और आधुनिकता के बीच एक गतिशील संवाद को बढ़ावा दिया। हेमराज की timeless रचनाओं के प्रभाव को बढ़ाते हुए गैलरी स्थान एक जीवंत कैनवास बन गया। अंत में, धूमिमल गैलरी द्वारा आयोजित हेमराज के एकल शो ने समकालीन कला की जीत को चिह्नित किया। "एटरनल रिमिनिसेंस 2.0" ने न केवल बड़े पैमाने के कैनवस में कलाकार की महारत को प्रदर्शित किया, बल्कि भीतर के शाश्वत की गहन खोज के रूप में भी काम किया। हेमराज की रंग, बनावट और शाश्वत को सहजता से मिश्रित करने की क्षमता न केवल वैश्विक कला परिदृश्य में उनकी स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि दर्शकों को उस कालातीत सुंदरता पर विचार करने के लिए भी आमंत्रित करती है जो हमारी बदलती दुनिया के क्षणभंगुर रुझानों से परे है। धूमिमल आर्ट गैलरी ने हेमराज़ की "एटरनल रिमिनिसेंस 2.0" को प्रदर्शित किया है ये बड़ी बात है के कोई आर्ट गैलरी आपको क्यों चयन करे मगर हेमराज़ के साथ ये आर्ट गैलरी उनके अध्यापन समय से ही जुड़ी है जब पहला कम्पटीशन जीता था जो रवि जैन मेमोरियल अवार्ड था तभी से हेमराज़ उनका पसंदीदा कलाकार बन गया और सैयद ये 1992 के आस पास का समय रहा था।






हेमराज़ की पेंटिंग देखते हुए मुझे एक सुखद एहसास हुआ उनकी एक पेंटिंग के आगे मैं काफ़ी देर तक देखता गया देखता गया जहां भी देखा मुझे एक नई भाषा पड़ने को मिले रही थी! जिनको देख पड़ मैं गहराइयों में डूबता चला जाता और जैसे ही मैं दूसरी तरफ़ देखता तो वही एहसास से रूबरू होता चला जाता ।
हेमराज़ ने रंगो का चयन बड़ी संतुलित तरीक़े से किया हुआ हैं कहा कैसा रंग लगाना हैं उनकी लाइन जो कही उकेरी गई तो कही रंगो के माध्यम से बनाई गई है। जिसका उपयोग कलाकृति को पूर्ण करने में होता नज़र आता है 


यही गैलरी में हेमराज़ ने अपने एक्सपीरियंस को इकट्टा कर रखा हैं! मेरा मतलब उन्होंने तूलिका स्पैचुला छोटे बड़े सभी तरह के अपने ओज़ारो को यह रख रखा है आप उनसे भी रूबरू हो सकते है इनको देखते ही आप के मन में दबा आर्टिस्ट अठखेलियां करने लगेगा के उठा कर अभी अपने सपनों को साकार कर दूँ। ओज़रो का संबंध आर्टिस्ट के व्यक्तित्व से होता है जिससे आप कलाकार के जीवन से रूबरू हो सकते उसके अस्तित्व को जान सकते बिना आर्टिस के बातचीत करे!  
धीरे धीरे मैं एक एक पेंटिंग्स को निहारता चला गया मन मैं तो आया के पूरा दिन ही इन पेंटिंग्स को निहारता रहूँ ।
Writerdelhiwala.com

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