फुर्सतबाज़





शाम का वक्त था और हल्की-हल्की बारिश ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया था। चारों दोस्त—आमिर, दीपक, ललित, और नकुल—हमेशा की तरह अपनी पसंदीदा 'चाय की टपरी' पर बैठे थे। यह वो जगह थी जहाँ इनकी सबसे बड़ी 'डिस्कवरी' होती थी, चाहे वो चाय की क्वालिटी हो या आमिर की गर्लफ्रेंड के बारे में बातें।  

चाय के प्याले हाथ में, और दीपक के पास उसकी स्पेशल "महँगी सिगरेट"। वो सिगरेट पकड़ने का ऐसा ढोंग कर रहा था, जैसे इसे हाथ से छूते ही कोई सोने की खान निकल आएगी। 

ललित ने तंज कसते हुए कहा, "भाई, ये सिगरेट है या टाइटैनिक? कितने नाज़ों से पकड़ी हुई है!"

नकुल, जो हमेशा से इनकी स्केच बनाने की आदत को लेकर ताने सुनता रहता था, अपनी पेंसिल घुमा-घुमा कर आमिर के चेहरे का स्केच बना रहा था। तभी ललित ने अचानक मजाक करते हुए कहा, "नकुल, स्केच बनाना बंद कर, तेरे हाथ में पेंसिल देखकर ऐसा लग रहा है जैसे तू आमिर की गर्लफ्रेंड को ही प्रपोज कर रहा हो!"

आमिर ने तुंरत चाय का घूंट भरा, लेकिन जैसे ही उसने सुना, चाय उसके मुँह से ऐसे फव्वारे की तरह निकली जैसे उसकी ज़ुबान ने 'स्प्रे मशीन' का काम करना शुरू कर दिया हो। आस-पास बैठे लोग भी अब हँसी से लोट-पोट हो रहे थे। 

दीपक ने गंभीर चेहरा बनाते हुए सिगरेट के कश लिया और कहा, "देख भाई, मेरी ये महँगी सिगरेट है। ये सिगरेट और तेरी गर्लफ्रेंड, दोनों के ही किस्से सुनकर दिल टूट जाता है। फर्क बस इतना है कि ये सिगरेट मेरे पैसे खर्च करवा रही है, और तेरी गर्लफ्रेंड तुझे!"

ललित ने हँसते हुए कहा, "और ये आमिर की गर्लफ्रेंड भी तो ऐसी है, एक बार मिलने के बाद लगता है, अगली मीटिंग लोन लेकर करनी पड़ेगी।"

आमिर ने गुस्से में नकुल की पेंसिल छीन ली, "अब बस करो यार, ये गर्लफ्रेंड के नाम से मेरा BP हाई हो जाता है!"

नकुल ने पेंसिल वापस लेते हुए कहा, "अरे भाई, तो BP के लिए चाय पी न। लेकिन ज़्यादा मत पी लेना, कहीं ये भी तुझे छोड़कर दीपक के पास न चली जाए।"

अब आमिर सच में गुस्से में दिखने लगा। उसका चेहरा लाल हो गया और उसने सिगरेट की ओर इशारा करते हुए कहा, "और ये सिगरेट! इतनी महंगी सिगरेट के साथ तो दीपक का भी ब्रेकअप हो जाए।"

दीपक ने सिगरेट को चूमते हुए कहा, "अरे भाई, इससे ब्रेकअप? ये तो मेरे साथ जिंदगी भर रहेगी। ये सिगरेट वही है जो तेरी गर्लफ्रेंड नहीं कर सकती—हर कश में सुकून।"

इतने में पास बैठे एक बुजुर्ग, जो चुपचाप सारा ड्रामा देख रहे थे, अपनी हंसी रोकते हुए बोले, "बेटा, जितना तुम चिड़ोगे, ये उतना ही ताने मारेंगे। ये दोस्त हैं, जो जितना तुझसे प्यार करेंगे, उतनी तेरी खिंचाई करेंगे।"

आमिर ने बुजुर्ग की बात सुनकर खुद को थोड़ा शांत किया, लेकिन आखिरी हथियार फेंकते हुए बोला, "चलो अब। अगले महीने जब मैं अपने 'बड़े बाप की बेटी' के साथ गाड़ी में घूमूंगा, तब देखूंगा तुम लोग कैसे ताने मारते हो!"

ललित ने तुरंत जवाब दिया, "हाँ, हाँ, और जब पेट्रोल भरवाने का टाइम आएगा, तब तेरा स्कूटर वाला प्लान याद आएगा!"

सबकी हंसी फिर से गूँज उठी। चारों दोस्त दुकान से हँसते-हँसते बाहर निकले, और आमिर की खिंचाई का कोई मौका किसी ने नहीं छोड़ा।

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