सुशांत सिंह राजपूत बस अब मेरा आखरी अलविदा तो ले लो

लेखक :- इज़हार आलम 
 (witerdelhiwala )

सुशांत सिंह राजपूत के लिए मेरी छोटी सी श्रद्धांजलि (Sushant Singh Rajput just take my last goodbye)


बस अब मेरा आखरी अलविदा तो ले लो  

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"काश लॉकडाउन न होता काश कोरोना न आता इतनी मौत न होती काश। .. पर क्या वाक़ये काश होता हैं"-  ये मनहूस बाते कर रहा था दोमुख अपनी दोस्त चम्मूख से। जिसे हसमुख सुन रहा था और गुस्सा हो रहा था।  करता भी क्या गुस्सा बार बार होता और बेठ जाता रात काफी ग़हरी हो चुकी थी तो चुप था. पर दोमुख मनहूस बाते  किया जा रहा था। सूरज भी निकल आया पर दोमुख और चम्मूख की बाते ख़त्म न होने का नाम ले रही थी। सब परिंदे आ गए एक दूसरे का हाल भी मालूम कर लिया पर अभी भी दोनों की मनहूस बाते कोरोना में मरने वालो की गिनती ,इस कोरोना का क्या होगा और कितने मरेंगे। सब पंछी भी चले गए।  दोपहर में सूरज आग की लपटों को तेजी से बिखेर रहा था जिव जंतु सभी बेचेंन थे. परेशान थे इस  भीषण गर्मी से।टॉपमान ४२ से ४५ के आस पास रहा होगा। पर वो दोनों अब भी बतिया रहे थे। तक़रीबन ३ बजे हमारे पेड़ के निचे कुछ हल चल  बढ़ती हुई दिखाई दी.  मोहल्ले के लोंडे एक एक कर हमरे निचे  छाया में जमा हो गए. एक दूसरे को किसी का फोटो दिखा कर कह रहे थे "बड़ा ही क़ामयाब एक्टर था। ऐसा कैसे कर लिया इसने"-  सभी व्याकुल से दिखई पड रहे थे। तभी हसमुख ने दोमुख के एक मुक्का मारा। "निचे देख उनकी बाते सुन तुम दोनों को पूरी रात  बाटे करते हुए और दिन  भी आधा ख़त्म हो गया पर तुम्हारी बाते ख़त्म नहीं हुई  तुम दोनों मरने की जो बाते कर रहे थे वो ही निचे हो रही हैं सुन " - दोमुख ने कहा "उसके मोबाइल में किसका फोटो हैं जिसके बारे में वो बात कर रहे"-"ये तो सुशांत सिंह राजपूत हैं अबे लूजर ललन के यहाँ न देखि थी छिछोरे फिल्म " हा याद आया देखि थी " "ये उस लड़के का बूढ़ा बाप न हैं जो खटिया पर पट्टी बांधें पड़ा था जिसको ये कहता हैं के " " क्या केहवे हैं याद नहीं आ रहा " " याद आएगा रुक। . दोनों धियान से सोचने लगे के तभी निचे चर्चा जोर पकड़ने लगी और चर्चा शुरू हो गई। कोई कुछ कह रहा।  कोई कुछ। कोई उसको एक्टरो में सबसे अव्वल किरदार निभाने वाला करार दे रहा था. कोई भी उसकी लाइफ पर चर्चा नहीं कर रहा था। चर्चा गर्म थी के सुशांत सिंह राज पूत ने सुसाइड कर ली अपने घर पँखे से लटक कर।  पर क्यूँ  इसका जवाब कोई न दे पा रहा था और सायद मिले भी नहीं।  शाम हो चली थी निचे भी लोंडे बैठे यही चर्चा कर रहे थे और ऊपर भी पूरी मण्डली बैठेचुकी थी और इस आत्महत्या पर विचार विमर्श कर रही थी सभी गमगीन थे जैसे इरफ़ान खान, ऋषि कपूर। और भी कलाकार और लोग  जो इस दुनिया से अलविदा कह चुके थे उन पर दुःख मान्य गया ठीक इसी तरह इन लोगो ने सुशांत राजपूत का भी दुःख इस अंदाज में मनाया के एक तोते ने उन पर एक कविता सुनाने को कहा। तो तोते ने एक कविता  गुनगुनाई  जो सुशांत सिंह राजपूत को डेडिकेट थी जिसके बोल यु हैं। 


"अभी तो वक़्त था अभी तो बस सेहर थी। 
मिलने की इतनी भी क्या जुस्त जू थी। 
जरुरत न थी. माँ का आचाल का साया तो था ।
 फिर मिलने की इतनी चाहत क्यूँ। 
कामयाबी तो तुम्हारे कदमो में  थी।  
इतनी जल्दी आसमा छूने की हसरत कियू। 
किसी को पूछा नहीं,
किसी को कुछ तो कहा होता दिल को खोला होता।  
देखते तो सही दोस्तों का प्यार।  पकड़ लेते कदम तुम्हारे। 
अभी तो वक़्त था अभी तो बस सेहर थी
चाहने वालो को यु रुस्वा नहीं करते सुशांत लोट आओ लोट आओ। 
सायद चाहने वालो का दुलार, लाड़-प्यार सब काम पड गया होगा, माँ के सामने। 
 इतनी जल्दी क्यूँ। 
मिलन की जरुरत न थी.  माँ का आचाल तो था सदा  । 
दर्द  तुमने क्यूँ दिया अपनो को। 
एक बार बोला तो होता, अपना ज़ख्म दिखाया तो होता,
लाखो के दिल थे थामने को,लपने को।
चाहने वालो का प्यार एक मल्लम बन जाता।  
एक बार दिल खोला होता हम को बोला तो।  
मिलन की जरुरत न थी.  माँ का आचाल तो था सदा  ।
अभी तो वक़्त था अभी तो बस सेहर थी.
सूरज अभी अपनी दमक पर  पहुंचा कहा था 
रोका होता थोडा। सूरज को सही से निकलने तो देते। 
मिलन का वक़्त अभी नहीं था सुशांत।
पर हम जानते हैं तुम अब जा चुके हो.
अपनी माँ से  मिल चुके हो। 
जल्दी थी तुमको तुम जा चुके हो 
बस अब मेरा आखरी अलविदा तो ले लो  
अलविदा अलविदा अलविदा 
तुम सदा ज़िंदा रहोंगे अपने किरदारों में और हमारी यादों  में। "

लेखक :- इज़हार आलम 
 (witerdelhiwala )



टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Beautiful lines with thousand blessing to always lives Sarfaraz Sushant.
Adarsh Vikram ने कहा…
Beautiful Lines... My Wishes
Unknown ने कहा…
Bht khoobsurat dil ka sara dard lafzon me daal diya Allah uski ruh ko sukoon de
Unknown ने कहा…
Well drafted piece. .. 'Kash' ki koi value nahi.
writer delhi wala ने कहा…
THANKS TO COMMENTS JII BILKUL SAHI

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