earth day / oxygen
Earth day/ Oxygen
मैं सुबह से ही न्यूज़ देख रहा था जबकि मैं आज कल के हालत में न्यूज़ कम ही देखता हूँ पर दो तीन से ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताया जा रहा हैं मैं ख़बरे देख कर बड़ा विचलित सा हो गया इस लिए नहीं के कोरोना हैं इस लिए जो लोग कोरोना से पीड़ित हैं और ऑक्सीजन की वजह से ज़िंदा हैं या ज़िंदा रखने की कोशिश की जा रही हैं हॉस्पिटल को ऑक्सीजन मिलने में कठिनाई हो रही हैं। नहीं बाबा, मरीज़ को बाद में ऑक्सीजन पहले हॉस्पिटल को भी ऑक्सीजन चाहिए। जब हॉस्पिटल में होगी तो ही मरीज़ को मिलेगी।
एर्थ डे पर में ये क्या बाते कर रहा हूँ। ठीक। पहले मैं भी लिखने से पहले सोच रहा था। पर दोनों का कही न कही कोई सम्बन्ध हैं। दुनिआ की काम होती ऑक्सीजन और हॉस्पिटल को मिलने वाली ऑक्सीजन का आपस में गहरा संबंध हैं। दोनों तरफ ऑक्सीजन इंसानो के जीने का साधन हैं जो ज़िंदा रखने के लिए एक एहम और जीवनयापी औजार के रूप में हैं।
मैं इसी विषय पर एक शार्ट मूवी देख रहा था यूट्यूब पर हैं लिंक में डाल दूंगा देख लेना। उस वीडियो का सीधा सम्बन्ध इंसान की जान से हैं यानी ऑक्सीजन से हैं। ऑक्सीजन की लूट-खसोट क्या होती हैं ये आप उस वीडियो में और न्यूज़ चैनलों पर चलने वाली न्यूज़ को देख ले आप कोई भी विसंगतियों नहीं लगेगी।
देश में कोरोना के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है. शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में कोविड से हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे हो गए हैं. देश में कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने चार मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और वैक्सीन का मुद्दा भी शामिल है. CJI एस ए बोबडे ने केंद्र को इसपर नोटिस जारी किया है.
अभी बुधवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन संकट के मसले पर एक सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने देशभर में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही बाधा और बढ़ते मौतों को लेकर कहा कि 'इस महामारी की हालत देखकर लगता है कि सरकार को लोगों के जान जाने की फिक्र नहीं है.'* सोर्स ndtv इंडिया न्यूज़ से लिया गया हैं )
हम जा कहा रहे हैं जो समस्या आज से २०-40 साल बाद आती एक महामारी ने पहले ही ला दी । ये समस्या आई ही क्यों हम पहले से सजग क्यों नहीं हुए हम अपने पर्यावरण से प्यार क्यों नहीं करते क्यों हम को कोरोना जैसी महामारी ने आ घेरा हैं ? कोन जिम्मेदार हैं इन सब के लिए कोई जवाब नहीं क्यों की हम ही खुद ख़ुदग़र्ज़ हो गए हैं। जिसका ख़ामियाज़ा हम को खुद ही भरना पड़ रहा है.
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